दिलफिगार
खा के धोखे हजार होता है फ़ूल से जो भी खार होता है धो ही देते हैं अश्क मिलकर सब…
Writer, Actor, Journalist
खा के धोखे हजार होता है फ़ूल से जो भी खार होता है धो ही देते हैं अश्क मिलकर सब…
मौसमे – नौ – बहार अच्छा था सच में पहला वो प्यार अच्छा था अब मिले तो कशिश ने…
बात कर सच्ची घुमाना छोड़ दे छोड़ दे जिद्द हर बहाना छोड़ दे सोच दुनियाँ में दुखी हैं और भी…
बोलो करोगे क्या तुम, ये मेरी जान लेकर यानी फ़कीर का इक उजड़ा मकान लेकर जब उड़ गए परिंदे ,…
मंजिलों से जुदा हो गए रास्ते जब खफा हो गए नर्म हो कर झुके जब कभी लोग सारे ख़ुदा हो…
आँख में कुछ नमी- सी बाक़ी है दिल में रस्साकशी- सी बाक़ी है सूखे – सूखे से लब ये कहते…
गिले – शिकवे हैं रुसवाई बहुत है इसी कारण ही तन्हाई बहुत है बनाने को मुकम्मल दर्द मुझ को तेरी…
ये दिले बेकरार बाक़ी है ज़िन्दगी का खुमार बाक़ी है वक्त ने ख़्वाब सारे तोड़ दिए डूबी कश्ती , सवार…
ख़ाली- ख़ाली नगर ही लगता है अजनबी हर बशर ही लगता है जब घिरे हों उदासियों में तो मुस्कुराना हुनर…
ज़ख्म जिसने दिए आज घायल वही मानता जो न था अब है कायल वहीं ग़म का बादल जो बरसा था…