गजल

बात कर सच्ची घुमाना छोड़ दे छोड़ दे जिद्द हर बहाना छोड़ दे सोच दुनियाँ में दुखी हैं और भी…

गजल

बोलो करोगे क्या तुम, ये मेरी जान लेकर यानी फ़कीर का इक उजड़ा मकान लेकर जब उड़ गए परिंदे ,…

गजल

मंजिलों से जुदा हो गए रास्ते जब खफा हो गए नर्म हो कर झुके जब कभी लोग सारे ख़ुदा हो…

गजल

आँख में कुछ नमी- सी बाक़ी है दिल में रस्साकशी- सी बाक़ी है सूखे – सूखे से लब ये कहते…

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गिले – शिकवे हैं रुसवाई बहुत है इसी कारण ही तन्हाई बहुत है बनाने को मुकम्मल दर्द मुझ को तेरी…

गजल

ये दिले बेकरार बाक़ी है ज़िन्दगी का खुमार बाक़ी है वक्त ने ख़्वाब सारे तोड़ दिए डूबी कश्ती , सवार…

गजल

ख़ाली- ख़ाली नगर ही लगता है अजनबी हर बशर ही लगता है जब घिरे हों उदासियों में तो मुस्कुराना हुनर…

गजल

ज़ख्म जिसने दिए आज घायल वही मानता जो न था अब है कायल वहीं ग़म का बादल जो बरसा था…

गजल

मंजिलों से जुदा हो गए रास्ते जब खफा हो गए   नर्म हो कर झुके जब कभी लोग सारे ख़ुदा…